दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐसे कैब ड्राइवर हैं, जो फर्स्ट ऐड बॉक्स में कॉन्डम रखकर चलते हैं। उनका मानना है कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो इसके लिए भी उनका चालान कट सकता है। कुछ ड्राइवर्स ने तो दावा भी किया कि फर्स्ट एड बॉक्स में कॉन्डम ना होने के चलते उनका चालान कट चुका है। हालांकि फर्स्ट ऐड बॉक्स में रखे कॉन्डम का इस्तेमाल किस चीज़ होता है, इस बारे में उन्हें खुद भी ठीक जानकारी नहीं है। कुछ ड्राइवरों का मानना है कि इसका
इस्तेमाल किसी की हड्डी में चोट आने या फिर कट लगने पर किया जा सकता है या फिर अगर व्यक्ति को ब्लीडिंग होने लगती है तो कॉन्डम के जरिए इसे रोका जा सकता है। इसी तरह फ्रैक्चर होने की स्थिति में उस जगह पर अस्पताल
पहुंचने तक कॉन्डम बांधा जा सकता है। ये बात और है कि किसी ड्राइवर ने इस मकसद के लिए कभी कॉन्डम का इस्तेमाल नहीं किया। बहरहाल, ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी ने साफ बताया कि ऐसा कोई नियम है ही नहीं। फिटनेस टेस्ट के दौरान भी ऐसी कोई पड़ताल नहीं की जाती। यही नहीं, पुलिस अधिकारी ने ये भी कहा कि अगर कॉन्डम न रखने पर चालान होता है तो कैब ड्राइवरों को अथॉरिटीज से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कई बार कुछ एनजीओ वर्कर्स ड्राइवरों को सेफ सेक्स के बारे में बताते हैं। शायद इसी की वजह से वो कॉन्डम साथ रखते हों। आपको बता दें कि दिल्ली मोटर वीइकल रूल्स, 1993 और सेंट्रल मोटर वीइकल रूल्स, 1989 में भी इसका कोई जिक्र नहीं है।
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